आखिर बाज अपनी चोंच को क्यों तोड़ देता है?चलिए जानते है इसके पीछे की रोचक कारण को ।


दुनिया मे बहुत तरह के पक्षियों की प्रजाति पायी जाती हैं। जिनमे बाज एक प्रमुख पक्षी में से एक है। बाज़ अपनी तेज़ नज़र के लिए काफी मशहूर है, क्योंकि ये छोटी से छोटी चीज़ भी बहुत दूर से देख सकता है।

एक बाज़ 320 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से उड़ सकता है और अपनी नुकीली चोंच से बड़े बड़े शिकार को चीर कर खा सकते हैं।


बाज़ों में एक और खासियत होती है कि ये समय के साथ अपनी चोंच को तोड़ देते है। आमतौर पे अगर कोई दूसरा पक्षी अपनी चोंच तोड़ दे तो उसे खाना खाने में काफी तकलीफ होगी और पेट न भरने की वजह से वो मर सकता है।


जब एक बाज़ की उम्र 30 साल से ज़्यादा की हो जाती है तो इसके पंख काफी मोटे और भारी हो जाते है जिससे देर तक या लंबी उड़ान भरने में थक जाते है और इसके चोंच की नुकीलापन कम हो जाता है जिससे बाज़ को शिकार करने और खाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इसी वजह से बाज़ को कुछ दिनों के लिए भूखा रहना पड़ता है जब तक कि अपनी चोंच नही तोड़ देता। अपनी चोंच तोड़ने के लिए यह ऊंची चट्टान पर चला जाता है और पत्थर से मार मार कर अपनी चोंच तोड़ देता है।

लगभग 3 से 4 महीने भूखे रहने के बाद उसकी नई चोंच निकल आती है। उस नई चोंच की मदद से पुराने पंख जो काफी बड़े और भारी होते है, उसे उखाड़ कर फेंक देता है। फिर से नए पंख आने में 2 से 3 महीने लगते हैं।


लगभग 6 से 7 महीने मुश्किल दौर से गुजरने के बाद वो फिर से बहुत फुर्तीला हो जाता है, इस मुश्किल दौर में उसे ढंग से खाना और पानी नही मिल पाता है और काफी कमजोर भी हो जाता है। लेकिन बुरे दिन खत्म होते ही वह फिर से आसमान की बुलंदियों में हवाओं से बात कर रहा होता है।

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