What is swiss bank (स्विस बैंक)?
दुनियाभर में लाखों बैंक हैं लेकिन उनमें से स्विट्जरलैंड की स्विस बैंक काफी लोकप्रिय है। अक्सर ख़बरों में ये आता है कि स्विस बैंक में काले धन को रखा गया है। इस बैंक की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें पैसे रखने वालों की जानकारी किसी को भी पता नही चलती है।
लेकिन किस देश से कितना पैसा रखा गया है ये पता चल जाता है। अपने भारत से भी बहुत बड़े मात्रा में काला धन स्विस बैंक में रखा गया है लेकिन ये पैसे किसके द्वारा रखी गयी है ये किसी को भी नही पता है।
यहाँ तक कि स्विट्जरलैंड सरकार को भी उसमे रखे गए पैसो के मालिक के बारे में नही पता है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर पैसे रखने वालों के बारे में पता कैसे नही चलता है? आइये जानते हैं।
स्विस बैंक में साधारण एकाउंट तो कोई भी खोल सकता है। साधारण एकाउंट के खोलने की प्रक्रिया बिल्कुल वैसे ही है जैसे हम अपने यहां के बैंकों में होती है।
लेकिन स्विस बैंक में एक स्पेशल एकाउंट खुलता है जो दुनिया के किसी और बैंक में इस तरह का एकाउंट नही खुलता है। ये स्पेशल एकाउंट ये नंबर पर आधारित होता है इसलिए इस स्पेशल एकाउंट को नंबर एकाउंट के नाम से भी जानते हैं।
इसको खोलना सबके बस की बात नही होती है। नम्बर एकाउंट की फैसिलिटी के वजह से दुनियाभर के बहुत ही ज़्यादा अमीर लोग इसमे अपना एकाउंट खोलते हैं।
जो लोग नम्बर एकाउंट खोलते हैं उन्हें एक नंबर मिल जाता है। एकाउंट खोलने वाले के बारे में इस नम्बर के अलावा कोई और डिटेल नही होता है। बैंक के स्टेटमेंट में भी किसी नाम जिक्र नही होता है और सारा काम सिर्फ उसी नम्बर से हो जाता है।

इसी वजह से इसमे एकाउंट खोलने वाले के बारे में कोई जानकारी नही होती है। एक नम्बर एकाउंट को खोलने के लिए किसी भी इंसान को खुद स्विस बैंक में जाना पड़ता है और पहली बार मे कम से कम 1 लाख डॉलर उस एकाउंट में जमा करना पड़ता है और फिर उसके बाद नम्बर एकाउंट एक्टिवेट हो जाता है।
एक बार एकाउंट खुल जाने के बाद नम्बर एकाउंट में पैसे कहीं से भी डाला जा सकता है लेकिन निकालने के लिए खुद जाना पड़ता है। इसमे रखे गए पैसों के मालिक सिर्फ एकाउंट खोलने वाला ही रहता है और एकाउंट खोलने वाला अपना नॉमिनी नही बना सकता है।
मतलब अगर कोई आदमी पैसे रखने के बाद मर जाता है तो वो पैसे उसके घरवालों को नही मिलेगा। उसके बाद सारे पैसों का मालिक स्विट्जरलैंड की सरकार होगी।
इस नम्बर एकाउंट की वजह से स्विट्जरलैंड की सरकार को बहुत ज़्यादा पैसे मिलते हैं क्योंकि इसमें पैसे रखने वाले बहुत कम ही लोग पूरे पैसे का इस्तेमाल कर पाते हैं।