एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी जो सिर्फ अमेरिका के एजेंटों को होती है।आइये जानते हैं उस बीमारी के बारे में।

दोस्तों आपको तो पता ही होगा कि अमेरिका 20 वीं सदी से ही विश्व गुरु बना हुआ है। और आपको ये भी पता होगा कि जो सबसे आगे होता है उसको पीछे ढकेलने के लिए बहुत से लोग पीछे पड़े होते हैं। इसलिए दुनिया के बड़े बड़े देश, अमेरिका को विश्व गुरु के कुर्सी से हटाना चाहते हैं।

इस लिस्ट में दो नाम बहुत ही लोकप्रिय है। पहला रूस और दूसरा चीन। रूस और अमेरिका की शीत युद्ध के बारे में लगभग सभी जानते हैं। लेकिन अमेरिकन एजेंट को ये रहस्यमयी बीमारी उसके पड़ोसी देश क्यूबा की राजधानी हवाना में पहली बार हुआ।

कुछ एजेंट की पूरी याद्दाश्त चली गयी, कुछ को सुनाई देने बन्द हो गया, कुछ को बहुत तेज़ चक्कर आने लगे और कुछ के मांशपेशियों में बहुत तेज़ दर्द होने लगी और कुछ लोगो को बहुत ही अजीब अजीब आवाज़े सुनाई देने लगी।जब डॉक्टरों से दिखाया गया, तो वो ये देखकर बिल्कुल हैरान रह गए कि रिपोर्ट के अनुसार एजेंटों के शरीर मे कोई बीमारी नही है और वो बिल्कुल फिट हैं।


सबसे पहले इस तरह की बीमारी क्यूबा की राजधानी हवाना में 2016 में देखी गयी थी। इसलिए इस बीमारी का नाम Havana Syndrome दिया गया। हैरान करने वाली ये बात थी की ये बीमारी सिर्फ अमेरिकन एजेंट को ही होती थी।

जिससे अमेरिका की सरकार काफी चिंतित हो गयी और इस पर चांज करने की मांग की गई। बहुत से अखबारों का ये मानना है कि ये रेडिएशन से किया गया हमला है। चूँकि रेडिएशन को हम आसानी से डिटेक्ट नही कर सकते है, इसलिए रूस ने रेडिएशन मिसाइल बना कर क्यूबा को थमा दिया है। आपको हम बता दें कि रूस और क्यूबा का सम्बन्ध बहुत ही पुराना है।

लेकिन रूस ने इस बात को नकार दिया है। हैरानी की बात ये है की 2021 में चीन में रह रहे अमेरिकन एजेंटो को भी Havana Syndrome होने लगे। जिससे अमेरिकन एजेंटों को बहुत ज़्यादा तकलीफ हो रही है।अमेरिका इससे निपटने के लिए बहुत जल्द ही कुछ करने वाला है। हालाँकि चीन ने भी अपने पास इस तरह की मिसाइल रखने को लेकर इनकार कर दिया है।

लेकिन इजराइल दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जो ये कहता है उसके रेडिएशन मिसाइल है।

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