हम जानते हैं कि भारत का सबसे साफ शहर इंदौर है जो पिछले 5 सालों से लगातार सफाई के मामले में सबसे आगे है।
अक्सर रिपोर्ट शहरों की सफाई पर ही आती है लेकिन अगर गाँव की बात की जाए तो अक्सर लोग गॉंव को गन्दे और गरीब लोगों की आबादी के रूप में सोचते हैं। लेकिन ऐसा नही होता है बहुत से ऐसे गॉंव है जो काफी साफ होते हैं और वहां के हर नागरिक सफाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हैं।
भारत का सबसे साफ सुथरा गाँव। Cleanest Village in india.
भारत के मेघालय राज्य में स्थित मौलिन्नोंग (Mawlynnong) गाँव है, जिसे भारत का ही नही बल्कि पूरे एशिया का सबसे साफ गॉंव माना जाता है। इसके लिए पूरे एशिया के गांवों का सर्वे किया गया।
यह एक छोटा गॉंव है जहाँ सिर्फ 600 के आसपास लोग रहते हैं, लेकिन अगर आप कभी जाएंगे तो एक भी कूड़े कचरे का नामो निशान तक नही मिलेगा।
आखिर इस गाँव को सबसे साफ गॉंव का दर्जा कैसे दिया गया, क्या खासियत गई इस गॉंव में? आइये जानते हैं।
सबसे बड़ा कारण ये है कि यहां बहुत छोटी उम्र से ही बच्चों को सफाई और उसके फायदे बताए जाते हैं औऱ उन्हें घर और आसपास की जगहों को साफ रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
हर सुबह इस गाँव के बच्चे अपने आसपास साफ सफाई करते दिखाई देते हैं। इसके अलावा इस गांव में कोई भी खुले में शौच नही करता है क्योंकि इस गाँव के हर घर में टॉयलेट है।
प्लास्टिक की थैली को पूरी तरह से इस गाँव मे इस्तेमाल करना मना है और सभी लोग इसे सख्ती से पालन भी करते हैं। धूम्रपान भी पूरी तरह वर्जित है। और हर जगह बांस के बने हुए खूबसूरत से डस्टबिन देखने को मिलते हैं।
जो कचरे आराम से सड़ जाते हैं उन्हें सभी लोग अलग रखते हैं और इससे खाद बनाया जाता है और नही सड़ने वाले कचरों को भी अलग रख जाता है और उसे दूर ले जाकर जला दिया जाता है।

खाद्य कचरे और फलों के छिलके को ज़मीन के अंदर गाड़ दिया जाता है जिससे ये प्राकृतिक खाद में तब्दील हो जाते हैं।
इस गाँव को देखते हुए बहुत से गॉंव भी इस राह पर चल रहे हैं ,अगर ये सभी गांव इस पद्धति को अपना लेते हैं भारत भी दुनिया का सबसे साफ देश बन सकता है।
इस गाँव को साफ रखने में शिक्षा का सबसे बड़ा योगदान है,क्योंकि शिक्षा से ही गंदगी से होने वाले बीमारियों के बारे में पता चलती है। और साथ मे लोगो मे सफाई के प्रति जागरूकता फैलती है।
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