कृत्रिम गर्भ से बढ़ेगी दुनिया की जनसंख्या। यंत्रो की सहायता से बच्चे पैदा होंगे।

दुनिया चाँद तक पहुच चुकी है, अब मंगल पर जाने की होड़ मची है।

भारत और चीन बढ़ती जनसंख्या से चिंतित हैं, लेकिन यूरोपियन व अन्य देश घटती जनसंख्या से परेशान है, वहाँ की प्रजनन दर सामान्य से बहुत कम है।

नोट- प्रजनन दर- महिला के 15 से 50 साल के बीच बच्चे पैदा करने के औसत को प्रजनन दर कहते हैं। यह 1000 महिलाओं के पीछे जीवित बच्चों की संख्या के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

सामान्य प्रजनन दर 2.1 होता है, मतलब अगर हर एक युगल अपने जीवन काल मे 2.1 बच्चा पैदा करता है तो किसी भी राष्ट्र का जनसंख्या स्थिर रहती है।

साउथ कोरिया में प्रजनन दर 0.58 है जो कि सामान्य से बहूत ही कम है, यहाँ के युवक बच्चे पैदा नही करना चाहते हैं।

जापान में टोटल जनसंख्या के 45% लोग वृद्ध अवस्था मे है। यूरोपीय देशों में प्रजनन दर 1 से भी कम है, इन सब परिस्तिथियों को नज़र में रखते हुए, ELON MUSK  ने जनसंख्या के आभाव वाले देशों के लिए भविष्य के लिए कृत्रिम गर्भ के निर्माण का घोषणा किया है,

ये पुरुष के शुक्राणु और महिला के एग को कृत्रिम गर्भ में यंत्रो की सहायता से बच्चे पैदा होंगे। यह तकनीक भविष्य में भारत को यूज़ करना पड़ सकता है।

कृत्रिम गर्भ से बढ़ेगी दुनिया की जनसंख्या

LANCET के रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जनसंख्या सन 2048 तक ही बढ़ेगी, उसके बाद भारत मे जनसंख्या में गिरावट होगी और सन 2100 में भारत की जनसंख्या 109 करोड़ होगी।

कृत्रिम गर्भ से 2019 में पहली बार Netherland ने एक भेड़ के बच्चे का जन्म हुआ ।

अब Elon Musk ये तकनीक से मंगल पर लोगो को बसाने की सोच रहे हैं, टेस्ला के CEO ने ये भी कहा है कि गर्भ के पश्चात महिलाएं बहुत से परेशानियो का सामना करती है,

बहुत से यूरोपिय देशों में जो महिलाएं मां बन जाती हैं उनको कम सैलरी में काम करना  पड़ता है, जिसके चलते महिलाये अब माँ नही बनना चाहती हैं, कृत्रिम गर्भ उन महिलाओं के लिए एक औसर है जो भविष्य में इंडिया में भी देखा जा सकता है ।

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