हमारे देश पर अंग्रेजों ने लगभग 200 सालों तक राज किया और यहाँ की लोगों को ग़ुलाम बनाये रखा। इस देश को आज़ाद कराने के लिए बहुत से क्रांतिकारियों ने अपनी जान गंवा दी।
कुछ ऐसे ही नामों में चन्द्रशेखर आज़ाद का नाम लिया जाता है, जिन्होंने अपनी जान गंवा दी लेकिन अंग्रेजों के हत्थे न चढ़े।
आज चन्द्रशेखर आज़ाद जुड़ी कुछ बातें बताएंगे जो काफी रोचक हैं।
1) चन्द्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्यप्रदेश के झबुआ जिले में हुआ था। और महज़ 25 साल की उम्र में 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में वो शहीद हो गए।
2) उनका नाम पंडित चन्द्रशेखर सीताराम तिवारी था, उनके पिता का नाम था पंडित सीताराम तिवारी और जगरानी देवी उनकी माता का नाम था।
3) बहुत ही छोटे उम्र से ही चन्द्रशेखर आज़ाद अंग्रेजों से नफरत करते थे और बड़े होकर आज़ादी की जंग में शामिल होना चाहते थे। सिर्फ 14 साल की उम्र में वो आजादी की लड़ाई में शरीक हो गए थे और साल 1921 में ग़ांधी जी द्वारा चलाये गए असहयोग आंदोलन का हिस्सा बने थे जिसके कारण अंग्रेजी सिपाहियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
4) कोर्ट में पेशी के दौरान जज ने उनसे पिता का नाम पूछा तब चन्द्रशेखर आज़ाद ने कहा “मेरा नाम आज़ाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता है और मेरा घर जेल है”। इसके बाद पूरे देश मे चन्द्रशेखर आज़ाद प्रसिद्ध हो गये और इस घटना के बाद लोगों ने उन्हें आज़ाद की उपाधि दी। जिसके बाद ही से वो चन्द्रशेखर आज़ाद के नाम से जाने गए।
5) गांधी जी हिंसा के बिल्कुल खिलाफ थे और जब असहयोग आंदोलन के दौरान चौरी चौरा में हिंसा हुई तब उन्होंने सत्याग्रह को रोक दिया, जिसके बाद चन्द्रशेखर आज़ाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन पार्टी का हिस्सा बन गए और बाद में उसके हेड भी बनाये गए।
6) 9 अगस्त 1925 को चन्द्रशेखर आज़ाद ने रामप्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ुल्ला खान के नेतृत्व में काकोरी कांड को अंजाम दिया, और बिना किसी गिरफ्तारी के सभी लोग पैसों के साथ बच कर निकल गए।
7) पूरे 10 साल तक चंद्रशेखर आज़ाद अंग्रेजो को धूल चटाते रहे और पकड़ में नही आये। एक बार झांसी के करीब एक गद्दार ने आज़ाद का ठिकाना बता दिया, और बड़े संख्या मे अंग्रेजी सैनिक उन्हें पकड़ने आये लेकिन आज़ाद ने स्त्री का वस्त्र धारण कर अंग्रेजों को बेवकूफ बना दिया।

8) साइमन कमीशन के विरोध कर रहे लाला लाजपत राय को अंग्रेजों ने लाठी से वॉर किया जिसके बाद 17 नवंबर 1928 को उनकी मृत्यु हो गयी।
ठीक एक महीने बाद लाला जी की मौत का बदला चंद्रशेखर आज़ाद, राजगुरु, भगत सिंह ने लाहौर में अंग्रेजी अफसर सॉन्डर्स की हत्या कर के ली। जिसके बाद अंग्रेजों ने चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी साथियों को ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने की ठान ली।
9) चन्द्रशेखर आज़ाद हर वक़्त आने साथ एक पिस्तौल रखते थे। साल 1931 में जब आज़ाद अल्फ्रेड पार्क में थे तब एक गद्दार ने अंग्रेजों को खबर दे दी, जिसके बाद अल्फ्रेड पार्क को चारों ओर से घेर लिया गया और बाहर भागने का कोई रास्ता नही बचा। फिर अंग्रेजी पुलिस ने गोली चलानी शुरू कर दी, जवाब में आज़ाद ने भी गोलियां चलाई। जब उनके पास सिर्फ एक गोली बची तो वो खुद को मार लिए।
10) अंग्रेज उनसे बहुत ज़्यादा डरते थे, यहाँ तक कि उनके मरने के बाद भी कोई भी अंग्रेज उनके पास जाने से डर रहा था। फिर उनके शरीर पर तीन गोलियां चलाई गयी और जब अँग्रेज़ पूरी तरह आश्वस्त हो गयें की आज़ाद मर गए हैं तब उनकी मृत शरीर के पास आये।
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FAQ :
प्रश्न | उत्तर |
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प्रश्न 1: चंद्रशेखर आजाद का जन्म कब और कहाँ हुआ था? | चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्यप्रदेश के झबुआ जिले में हुआ था। |
प्रश्न 2: चंद्रशेखर आजाद के माता-पिता के नाम क्या थे? | उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था और माता का नाम जगरानी देवी था। |
प्रश्न 3: चंद्रशेखर आजाद कब और कैसे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए? | चंद्रशेखर आजाद ने बहुत छोटी उम्र से ही अंग्रेजों के खिलाफ नफरत प्रकट की थी और वे आजादी की जंग में शामिल होना चाहते थे। उन्होंने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और साल 1921 में गांधीजी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन का हिस्सा बने थे। |
प्रश्न 4: क्या चंद्रशेखर आजाद को किसी ने गिरफ्तार किया था? | हां, चंद्रशेखर आजाद को अंग्रेजी सिपाहियों ने गिरफ्तार किया था। |