मुकेश अम्बानी और गौतम अडानी को कौन नही जानता है। इन दोनों का शुमार दुनिया के सबसे अमीर आदमी में होता हैं। बड़ी बड़ी कंपनियों के मालिक हैं जिससे उनकी बहुत ज़्यादा कमाई होती है। लेकिन इसके बावजूद ज़्यादा टैक्स अक्षय कुमार क्यों देते हैं?
भारत में सबसे ज़्यादा टैक्स अक्षय कुमार क्यों देते हैं? आइये जानते है…..
अक्षय कुमार वही हैं जिन्होंने कुछ साल पहले भारतीय नागरिकता को छोड़ कनाडा की नागरिकता प्राप्त कर लिया है। और वो एक साल में लगभग 4 फिल्मे करने के लिए जाने जाते हैं, या कभी कभी उससे भी ज़्यादा फिल्मे कर लेते हैं।
इन फिल्मों से होने वाली कमाई पर सरकार को टैक्स देना पड़ता है। आमतौर पर हर एक्टर को फिल्मों से कमाए हुए पैसे पर टैक्स देना पड़ता है। लेकिन अक्षय कुमार भारत के नागरिक नही है तो उनको कमाए हुए पैसों पर ज़्यादा टैक्स देना पड़ता है। इसके अलावा दूसरे एक्टर के हिसाब से अक्षय कुमार ज़्यादा फिल्में बनाते है। इस तरह टैक्स को हम Realised Income कहते हैं, क्योंकि ये इनकम सभी को नज़र आती है

वहीं दूसरी ओर बड़े बड़े बिजनेसमैन जैसे अडानी और अम्बानी की जो इनकम होती है वो Unrealised Income होती है, जो किसी के भी बैंक एकाउंट में नही आता है। इसका मतलब ये है कि उनकी प्रोपर्टी शेयर और पूँजीगत परिसंपत्तियों (Capital Asset) के रूप में होता है।
अम्बानी और अडानी को इसलिए अमीर नही बोला जाता है क्योंकि उनके बैंक में सबसे ज़्यादा पैसे है। इसलिए बोला जाता है कि उनके शेयर औऱ पूँजीगत परिसम्पत्ति ( जैसे शेयर,बांड और प्रॉपर्टी) की कीमत बहुत ही ज़्यादा होती है।
ये लोग अपनी शेयर या पूंजी में बढ़े हुए कीमतों पर हर साल टैक्स देते हैं। इसलिए इनके द्वारा दी गयी टैक्स अक्षय कुमार से कम होती है।
अगर इसी शेयर या पूंजी को बेचकर अम्बानी और अडानी अपने बैंक में डालते हैं तो इनको सबसे ज़्यादा टैक्स देना पड़ेगा। लेकिन ऐसे कोई भी बिजनेसमैन नही करता है।