इस दुनिया मे आज तक लाखों युद्धों को लड़ा गया है,औसतन सभी युद्ध कम से कम 2 से 3 महीने चलते ही थे।लेकिन दुनिया का एक ऐसा भी युद्ध है जो सिर्फ 38 मिनट तक ही चला था, और इतने ही देर में इसका फैसला भी आ गया, जिसके वजह से इसे दुनिया के सबसे छोटे युद्ध के नाम से जानते हैं।
ये युद्ध साल 1896 में इंग्लैंड और जंजीबार आइलैंड (आज के दिन पूर्वी अफ्रीका के तंज़ानिया देश का हिस्सा है) के बीच हुआ था। इस युद्ध मे इंग्लैंड ने जंजीबार को महज़ 38 मिनट में समर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था।
मध्यकालीन समय मे यूरोपीय देश हर जगह अपना अस्तित्व कायम करना चाहते थे, जिसके कारण वो दुनिया के हर महत्वपूर्ण जगह पर अपना कब्जा जमा लिया।
साल 1890 में जंजीबार को लेकर जर्मनी और ब्रिटेन में एक सन्धि हुई, और जंजीबार की सत्ता ब्रिटेन के हाथों में दी गयी।
इसके साथ ही ब्रिटेन पूरे पूर्वी अफ्रीका और अपना नियंत्रण कायम करना चाहता था, ताकि उसका साम्राज्य का विस्तार हो सके। वहीं जर्मनी को सन्धि के तहत तंजानिया के कुछ हिस्से दिए गए।
संधि के मुताबिक ब्रिटेन साम्राज्य ने जंजीबार पर अपने अधिकार की घोषणा करने के बाद एक कठपुतली सुल्तान को जंजीबार की सत्ता सौंप दी गयी। साल 1893 में हमद बिन तुवानी, जो कि ब्रिटेन साम्रज्य के कठपुतली थे, उन्होंने पूरे तीन साल तक शांतिपूर्वक शासन किया लेकिन 25 अगस्त 1896 को हमद की अचानक महल में मौत हो गई।कुछ लोगों का कहना है कि सत्ता के लालच में सुल्तान हमद के भतीजे खालीद बीन बर्गश ने जहर दे दिया।
सुल्तान की मौत के बाद बिना अंग्रेजी सरकार को खबर किये खालिद ने अपने आप को पूरे जंजीबार का सुल्तान घोषित कर दिया, जिससे वहाँ मौजूद ब्रिटेन के अधिकारी बहुत ही ग़ुस्सा हुए और फौरन सत्ता छोड़ने की मांग की,लेकिन खालिद को कोई फर्क नही पड़ा।
अंग्रेजी अफसर ने धमकाया की अगर 1 दिन के अंदर गद्दी खाली नही की अंग्रेजी सैनिक हमला कर देंगे।
इसके बाद खालिद ने जंजीबार में चारों ओर अपनी सेना तैनात कर दिए,सभी फौजियों के पास अंग्रेजों द्वारा ही दिये गए हथियार थे जो हमद बिन तुवानी को उपहार के तौर पर दिया गया था।खालिद के तीन हज़ार से ज़्यादा सिपाही महल के चारों ओर सुरक्षा के लिए बिल्कुल तैयार थे
ठीक उसी समय ब्रिटेन के दो जंगी समुद्री जहाज HMS PHILOMOL औऱ HMS RUSH पर सवार ब्रिटिश सैनिक पहुंचे और उन्होंने तुरंत पूरे ब्रिटिश काउंसलेट को अपने कब्जे में ले लिया।
ब्रिटिश सरकार की सेना ने 26 अगस्त को सुल्तान खालिद को आखरी अल्टिमेटम जारी किया कि वो 27 अगस्त को सुबह 9 बजे तक शांति के साथ आत्मसमर्पण कर दें तो अंग्रेजी हुकूमत माफ कर सकती है। इसके अलावा ब्रिटेन के जंगी जहाजों को युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश भी दिया गया था।
जब खालिद के तरफ से कोई भी रेस्पॉन्स नही आया तो ब्रिटिश सैनिकों को ठीक 9 बजे हमले का हुकुम दे दिया गया।
खतरनाक अंग्रेजी तोपों ने सुबह के ठीक 9:02 बजे महल पर गोले बरसाने शुरू कर दिए, जिसके वजह से सिर्फ 38 मिनट के अंदर सुल्तान खालिद की पूरी सेना परास्त हो गयी। जिस समय सुल्तान की हार हुई, तो घड़ी में 9:40 मिनट हो रहे थे। और अंग्रेजी सैनिकों की खुशी का ठिकाना नही रहा क्योंकि उन्हें खुद विश्वास नही हो रहा था कि सिर्फ 38 मिनट में कैसे युद्ध खत्म हो गयी।
1 thought on “दुनिया का सबसे छोटा युद्ध जो सिर्फ 38 मिनट में खत्म हो गया। Fact about “The Anglo-Zanzibar War”.”