दुनिया की सबसे पतली बिल्डिंग कौन है?

इस दुनिया मे लाखो आलीशान बिल्डिंग बनाई गयी है। कई बिल्डिंग इतनी बड़ी है कि उसमे लोग अपना प्राइवेट जहाज़ भी उसी मे उतारते हैं।

लोग नाये नए तरीके से बिल्डिंग बनवा रहे हैं ताकि देखने मे कुछ अनोखा लगे। कुछ इमारते सबसे बड़ी होने की वजह से प्रसिद्ध है तो कुछ सबसे भारी।

दुनिया की सबसे पतली बिल्डिंग कहा है?

लेकिन Lebanon मे एक ऐसी ईमारत है जिसे दुनिया की सबसे पतली इमारत का दर्जा दिया गया है।
अगर इस बिल्डिंग को सामने से देखा जाए तो बिल्कुल एक सामान्य बिल्डिंग की तरह दिखेगा,लेकिन इसकी चौडाई बहुत ही कम है। और साइड से जाकर देखने से ऐसा लगता है की बस एक मोटी दीवार है।

इस बिल्डिंग का एक साइड की चौडाई 4 मीटर है तो वही दूसरी छोर से इस बिल्डिंग की चौडाई सिर्फ 60 सेंटिमीटर है मतलब की 1 मीटर से भी कम है।

इस इमारत को साल 1954 मे बनाया गया था, जिसमे सिर्फ 2 मंजिल है और मंजिल पर सिर्फ 2 ही कमरे हैं। ये इमारत कुल 120 वर्ग फ़ीट पर बनाया गया है।

बहुत से लोग ये सोचेंगे की आखिर इस ईमारत को इतना पैसा लगा कर बनाया क्यू गया होगा? तो आइये जानते हैं इसके बनाने की वजह। इस बिल्डिंग को बनाने की काफी रोचक कहानी है।

दुनिया की सबसे पतली बिल्डिंग

2 भाइयों को अपनी पिता की विरासत मे से ज़मीने मिली थी। जिसे दोनो भाइयों ने बराबर बंट लिया था। ये ज़मीन समुन्द्र के बिल्कुल किनारे पर था जिससे वहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता था। वक़्त के साथ जब वहाँ पर्यटन ज़्यादा बढ़ गया तो सरकार ने सोचा की समुन्द्र के किनारे पर एक अच्छी सी सड़क बना दिया जाये जिसके बड़ पर्यटकों को आने मे आसानी होगी।

समुद्र के किनारे वाले लगभग सभी जगहों पर लोगो का कब्ज़ा था। और उसी जगहों मे इन दोनो भाइयों की ज़मीन थी। जब सड़क बनने लगा तो कुछ लोगो ने अपनी ज़मीन सरकार को देने का फैसला किया।

उन दोनो भाइयों मे से एक भाई ने अपनी ज़मीन सरकार को दे दी, लेकिन दूसरे ने देने से मना कर दिया और वो ये भी चाहता था की उसका भाई भी सरकार को ज़मीन नही दे। लेकिन इसके बावजूद उसके भाई ने सरकार को कुछ ज़मीन दे दी।

पहले भाई जिसने सरकार को ज़मीन नही दी उसने दूसरे भाई की ज़मीन की कीमत कम करने के लिए एक ऊँची सी दीवार बनावा दी। क्यूंकि उस दीवार से दूसरे भाई की ज़मीन से समुद्र का नज़ारा दिखना बंद हो गया। बाद मे उसी दीवार के सहारे उसे चौड़ा कर उसमे हर मंज़िल पर 2-2 कमरे बनवा दिये।

और ऐसा ही हुआ इसके बाद दुसरे भाई की ज़मीन की कीमत कम हो गयी। आज के दिन ये बिल्डिंग खाली है इसमे कोई भी नही रहता है और इस जगह का नाम अल-बसा है।

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