प्राचीन काल मे लोगो के लिए मवेशी सबसे कीमती चीज़ें होती थी, फिर ज़मीन सबसे कीमती चीज़ बन गयी लेकिन आज के ज़माने मे सोना सबसे महंगी चीज़ों मे से एक है।
सोना किसी भी देश की इकॉनमी मे काफी अहम रोल निभाता है, जिस देश के पास जितना ज़्यादा सोना होता है वहाँ के मुद्रा की वैल्यू उतनी ही ज़्यादा होती है।
भारतीय समाज मे औरतें सोने का इस्तेमाल आभूषण मे पड़े पैमाने पर करती है, इसलिए शादियों मे दुल्हन को काफी ज़्यादा आभूषण दिये जाते हैं।
उत्तर भारत मे आमतौर पर आभूषण औरतें ही पहनती है लेकिन दक्षिण भारत में मर्द भी सोने का इस्तेमाल करते हैं।इसलिए दक्षिण भारत मे ज़्यादा सोना खरीदा जाता है, लेकिन दक्षिण भारत मे केरला एक ऐसा राज्य है जहाँ के लोग सबसे ज़्यादा सोना खरीदते हैं। इसलिए केरला को GOLD Own Country के नाम से जानते हैं।

भारत सरकार के सर्वे के हिसाब से अगर हम भारत की सारे राज्यों के सोने की खरीदारी को जोड़ ले तब भी केरला मे सोने की खरीदारी के बराबरी नही होगा। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की केरला सोना खरीदने मे कितना पैसा खर्च करता है।
केरला मे हर परिवार औसतन प्रति दिन 200 रुपये सोना खरीदने पर खर्च करता जो। वहीं बिहार राज्य मे हर परिवार औसतन प्रति दिन सिर्फ 3 रुपये सोना खरीदने पर खर्च करता है।
भारत के कई बड़े GOLD रिटेलर केरला से हैं। केरला का Gold की तरफ प्यार की शुरुआत लगभग पाँच हज़ार साल पहले हुई थी, जब Roman Empire मे भारत का मसाला पहुंचा तो वहाँ के लोग खाने को मसाले का इस्तेमाल करके ज़्यादा दिनों तक रख सकते थे, जिससे वहाँ मसालों की ज़्यादा डिमांड हो गयी।
फिर Roman Empire ने भारत से Gold के बदले मसालों को खरीदे, जिससे केरला के व्यापारीयों को बड़े पैमाने पर गोल्ड मिलने लगे, और अब Gold केरला के समाज के लिए बहुत ही ज़रूरी बन चुका है। वहाँ हर बच्चे के जन्म पर सोने के आभूषण गिफ्ट के तौर पर दिये जाते हैं।
केरला मे औसत मिडिल क्लास की दुल्हन दहेज् मे अपने साथ ल्ग्भ्ग् 320 ग्राम सोने लेकर जाती है। इसलिए केरला मे भारत की सबसे ज़्यादा सोने की आभूषण की दुकान है।