दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनियों मे गूगल, एप्पल, फेसबुक, अमेज़न, टेसला इत्यादि का नाम आता है। लेकिन इन सभी बड़ी कम्पनियों के ज़्यादातर CEO या मालिक सिर्फ एक डॉलर की तनख्वाह लेते हैं।
साल 2015 मे एक रिपोर्ट आयी थी जिसमे ये लिखा गया था कि फेसबुक के मालिक मार्क ज़ुकरबर्ग अपनी सैलरी के तौर पर सिर्फ 1 डॉलर चार्ज करते हैं। वहीं अमेज़न के CEO जेफ बेज़ोस भी सिर्फ 1 डॉलर की तनख्वाह लेते हैं।
भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अम्बानी भी अपनी कम्पनी रिलायंस से सिर्फ 1 रुपया सैलरी लेते हैं। ऐसे बहुत से और भी कम्पनी के मालिक हैं जो सिर्फ 1 रुपया या फिर 1 डॉलर चार्ज करते हैं।
आप भी सोच रहे होंगे कि तो अगर इतनी कम तनख्वाह लेते हैं तो फिर इतने अमीर कैसे हो गये? या फिर इतने कम सैलरी से उनका खर्चा निकल जाता है?
तो आइये जानते हैं दुनिया के ज़्यादातर अमीर लोग अपनी कम्पनी से सिर्फ 1 डॉलर की तनख्वाह क्यों लेते हैं?
कहीं आप ये तो नही सोच रहे कि ये लोग ऐसा करके सरकार के लिए चैरिटी करते हैं? लेकिन दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नही है।ये सभी लोग अपने खुद के फायदे के लिए इतनी कम सैलरी लेते हैं। आइये जानते हैं कैसे?
अगर ये लोग अपनी कम्पनी से करोड़ो की सैलरी लेते हैं तो इन्हे सरकार को काफी ज़्यादा इनकम टैक्स देना पड़ता है और इनकम टैक्स बहुत ही ज़्यादा होती है और बाकी सब टैक्स के तुलने मे। लेकिन वहीं अगर ये लोग खुद को सिर्फ 1 डॉलर या 1 रुपये कि सैलरी देते हैं तो इसपर कोई भी टैक्स नही देना पड़ता है।
आखिर इन करोड़पति कि कमाई होती कैसे है?
ये लोग अपनी कम्पनी के स्टॉक्स को बेच कर पैसे कमाते हैं। मतलब ये लोग अपनी कम्पनी के कुछ शेयर बेच देते हैं जिससे उनको काफी ज़्यादा पैसे मिल जाते हैं। और इस पैसे पर सिर्फ Capital Gain Tax देना पड़ता है। Capital Gain Tax वो टैक्स है जो आपकी सम्पत्ति बढ़ने पर सरकार को दिया जाता है।
Capital Gain Tax, इनकम टैक्स के तुलना मे काफी कम होता है। इससे उनका काफी ज़्यादा पैसा बच जाता है।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि 1 डॉलर कि तनख्वाह भी क्यों लेते है वो भी नही लेनी चाहिए।लेकिन ऐसा नही है।सरकार के नियम के अनुसार आपको अपनी कम्पनी से सैलरी लेना ही होता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी कम्पनी से सैलरी नही लेता है तो उसे जुर्माना और जेल दोनो हो सकती है।