NATO Kya Hai? What is NATO in hindi?

दोस्तों जब से रूस और यूक्रेन के युद्ध शुरू हुआ तब से पूरी दुनिया मे NATO का नाम बहुत सुनने को मिला। बहुत कम ही लोग NATO संस्था के बारे में जानते हैं। तो चलिए आज इसके बारे में जानते हैं की NATO Kya Hai।

NATO Kya Hai in Hindi?

NATO का मतलब होता है North Atlantic Treaty Organisation (NATO), जो कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा सन्धि है अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों के बीच मे। इसे साल 1949 में बनाया गया था, अभी इसमे कुल 30 देश शामिल है। इसके बनाने का सबसे बड़ा कारण था सोवियत रूस का बढ़ता हुआ वर्चस्व। अमेरिका हमेशा से मानता आया है कि उसे सोवियत रूस से खतरा है।

सारे NATO मेम्बर से कहा गया कि हर देश अपने GDP का कम से कम 2% डिफेंस मे खर्च करेंगे। और यही से NATO की फंडिंग आती है। जिस तरह है देश का अपना एक नियम, कानून और संविधान होता है वैसे NATO ने सभी मेंबर के लिए कानून (RULE BOOK) बना रखे है।

NATO Kya Hai

NATO Kya Hai

Commitment Clause

इस रूल बुक का पांचवा अनुच्छेद बहुत लोकप्रिय है और इसे Commitment Clause के नाम से भी जानते हैं।इस अनुच्छेद में कहा गया है कि अगर किसी भी एक NATO देश पर हमला किया जाता है तो ये माना जायेगा कि NATO के पूरे 30 देशो पर हमला किया गया है। और फिर सारे देश मिलकर उस देश को बचाने आएंगे।

पूरे NATO के इतिहास में सिर्फ एक बार अनुच्छेद 5 का इस्तेमाल किया गया है जब अमेरिका के ट्विन टावर पर अलकायदा आतंवादी संगठन द्वारा हमला हुआ था जिसे दुनिया आज 9/11 के नाम से जानती है।

उस समय सारे NATO देश अमेरिका को बचाने आ गये थे। और सारे देश मिलकर अपने सेना अफ़ग़ानिस्तान में भेजे थे और अफगानिस्तान पर हमला भी किया गया था।

NATO संगठन

NATO के कुल 30 देशो का GDP दुनिया के 50 प्रतिशत GDP के बराबर है। तो ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये NATO संगठन कितना शक्तिशाली है।

WTO (warsaw treaty organisation)

रूस ने NATO के खिलाफ अपना एक अलग संगठन बनाया था जिसको WTO (warsaw treaty organisation) के नाम से जाना जाता था लेकिन साल 1991 में सोवियत रूस को NATO ने 15 देशो में तोड़ दिया। इसके बाद NATO को खत्म किया जाना था लेकिन अमेरिका ने इसे खत्म नही होने दिया वहीं WTO 1991 में ही खत्म हो गयी।

Ukraine एक buffer state है, अगर कभी NATO मेंबर को रूस पर हमला करना पड़ा तो उसे UKRAINE से होकर गुजरना पड़ेगा, इसलिए यूक्रेन, अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
2014 में रूस ने UKRAINE के CREMIAN PENINSULA पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे अमेरिका और रूस के बीच तनाव शरू हो गया।

साल 2021 के आखरी में अमेरिका ने UKRAINE को NATO का सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया और UKRAINE तैयार हो गया था। लेकिन रूस,अमेरिका के इस चाल से वाकिफ था और इसके खिलाफ UKRAINE पर चढ़ाई कर दी।

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