Pollution in Hindi:- अगर हमारे वातावरण में कोई दूषित पदार्थ मिल जाता है तो उसे प्रदूषण (Pollution) के नाम से जाना जाता है। इससे हमारे आसपास के वातावरण में काफी नुकसान होता है और इसके बाद कई बदलाव देखने को मिलते हैं। प्रदूषण किसी भी रूप में पाया जा सकता है जैसे ठोस, तरल, गैस या ऊर्जा।
प्रदूषण प्राकृतिक घटनाओं के कारण भी होता है जैसे सूर्य के प्रकाश से भी प्रदूषण होता है लेकिन यह ज्यादा खतरनाक नहीं होते हैं। आमतौर पर प्रदूषण शब्द का मतलब मानव जाति द्वारा वातावरण को दूषित करने को कहा जाता है। साल 2015 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में हर साल लगभग 90 लाख लोग जान सिर्फ प्रदूषण के कारण होती है।

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प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution)
प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण,प्लास्टिक प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, थर्मल प्रदूषण और जल प्रदूषण इत्यादि।
इनमें से कुछ प्रमुख प्रदूषणों के बारे में जानेंगे।
Water Pollution In Hindi (जल प्रदुषण)
जब कोई नदी, झील, नहर, समुद्र तथा जलीय स्त्रोत में विषैला पदार्थ प्रवेश हो जाता है तो यह पदार्थ लंबे समय तक पानी में रहने के कारण घुल जाते हैं जिसके वजह से जलीय गुणवत्ता में काफी बदलाव देखने को मिलता है। और ऐसी स्थिति में उसे पानी को प्रदूषण जल के नाम से जाना जाता है।

जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत:
- कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किये गए रासायनिक पदार्थ जब जल में घुल जाते हैं तो जल प्रदूषित हो जाता है।
- औद्योगिक अवशिष्ट जिसमें एसिड की मात्रा ज्यादा होती है जब यह किसी जल स्रोत में मिला दिया जाता है उसे जल प्रदूषित हो जाता है।
- घरों से छोड़ा गया अवशिष्ट जल और सफाई सीवेज वाला जाल प्रदूषण जल का एक उदाहरण है।
- उद्योग में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पदार्थ से भी बड़े पैमाने पर जल प्रदूषित होते हैं।
प्रदूषित जल का हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव।
जल प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। इसके कारण जल जनित रोग संक्रामक रोग होते हैं, आमतौर पर प्रदूषित जल से ही फैलते हैं। पृथ्वी का उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदूषित जल के शिकार हैं। जल प्रदूषण के कारण पेचिश, हैज़ा, टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों लोग संक्रमित हो जाते हैं।

अन्य जीवों पर जल प्रदूषण का प्रभाव।
जल प्रदूषण सिर्फ इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है बल्कि यह पशु पक्षी एवं मछलियों के लिए भी काफी हानिकारक होता है। प्रदूषित जल के कारण लाखों की संख्या में मछलियां मर जाती हैं। वही प्रदूषित जल का सेवन करने की वजह से बहुत सारी पशु पक्षियों की भी मौत हो जाती है। अगर खेतों में प्रदूषित जल से सिंचाई कर दिया जाता है तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
Air Pollution in Hindi. (वायु प्रदूषण क्या है )
ऐसे तत्व जो जो इंसानों और जीवित प्राणियों के लिए बेहद हानिकारक होते हैं और प्राकृतिक रूप में वायु नहीं पाए जाते हैं। उसे प्रदूषक के नाम से जाना जाता है। और जब यही प्रदूषक हवा में प्रवेश कर जाता है तो उसे वायु प्रदूषण का नाम से जानते हैं।
वायु प्रदूषण के मुख्य कारण।
वायु प्रदूषण के दो प्रमुख कारण होते हैं मानव जनित स्रोत और प्राकृतिक स्रोत।
मानव द्वारा वायु प्रदूषण का स्रोत में बिजली उत्पादन बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि इसमें कोयला एवं अन्य हाइड्रोकार्बन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। और इससे निकलने वाला धुवा सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है।
वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत जैसे ज्वालामुखी विस्फोट मैं बड़े पैमाने पर धुआं और धूल वायु को दूषित कर देता है।
वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव।
वायु प्रदूषण के कारण आजकल बहुत प्रकार की बीमारियां देखने को मिल रही है जैसे सांस लेने में कठिनाई घबराहट खांसी. एवं दिल संबंधित रोग।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2014 में पूरे विश्व में लगभग 70 लाख लोगों की जान सिर्फ वायु प्रदूषण के कारण हुई थी.
साल 2019 के अध्ययन के अनुसार विश्व में तेजी से बढ़ रही वायु प्रदूषण की वजह से अब 1 साल में लगभग 88 लाख लोगों मौत हो रही है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हम सभी को मिलकर अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा इसके अलावा वायु प्रदूषण को रोकथाम करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलानी होगी।