Wierd Tradition Of the world : दुनिया कि सबसे अजीब परम्परा।

दुनिया में लाखों प्रकार के जनजाति और सैकड़ो धर्म पाए जाते हैं। जिस तरह हर धर्म में अलग परम्परा होती है वैसे ही हर जनजाति की एक अलग परम्परा होती है। लेकिन कुछ जनजातीय परम्परा साधारण होते हैं और धार्मिक परम्परा कि तरह ही होते हैं। लेकिन इस दुनिया में बहुत से ऐसे जनजाति हैं जिनकी परम्परा अजीब (Wierd) मानी जाती है।

अगर हम दुनिया की सबसे अजीब परम्परा (Wierd Tradition) के बारे में बात करें तो इसमें पाड़ोंग जनजाति (Padaung Tribe) की नाम सबसे ऊपर आता है। ये जनजाति अपनी सभ्यता और परम्परा के नाम पर बहुत ही अजीब काम करती है।

ये जनजाति उत्तर-पश्चिम थाईलैंड और दक्षिण-पूर्व म्यांमार में पाए जाते हैं। यहाँ की औरतें अलग प्रकार से अपने आप को खूबसूरत बनाती हैं। इन औरतों का मानना है कि जिसकी गर्दन जितनी लम्बी होती है वो उतनी ही खूबसूरत मानी जायेगी। वैसे इस बात में सच्चाई भी है भारत व अन्य यूरोप के देशों में भी, जिस इंसान कि गर्दन लम्बी होती है उसके शरीर को एक आकर्षक शरीर माना जाता है।

पाड़ोंग जनजाति कि औरतें जबरदस्ती अपनी गर्दन को लम्बी करती हैं जिसके लिए वो अपने गर्दन में कई अलग अलग लोहे कि चूड़ी पहनते हैं। जिससे गर्दन ज़बरदस्ती लम्बी हो जाती है।

Wierd Tradition Of the world:

1) 20 किलोग्राम कि चूड़ियाँ गर्दन में पहनती हैं।

इस लोहे कि चूड़ी को लड़कियों के गर्दन में सिर्फ 5 साल कि उम्र में ही पहनाया जाने लगता है। पहले लड़कियों को सिर्फ 4 से 5 चूड़ियाँ पहनाई जाती है फिर समय के साथ जब गर्दन लम्बी होने लगती है तो एक एक करके चूड़ियों को बढ़ाया जाता है।

45 साल के उम्र कि एक पाड़ोंग औरत के गले में 32 लोहे कि चूड़ियाँ होती हैं। जिनका कुल वजन 20 किलो तक का होता हैं।

गर्दन में इन चूड़ियों को पहनने से इनकी गर्दन कि लम्बाई 19 से 20 सेंटीमीटर कि हो जाती हैं, जहाँ आम आदमी कि गर्दन की लम्बाई 9 से 10 सेंटीमीटर की होती हैं।

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Wierd Tradition Of the world
दुनिया कि सबसे अजीब परम्परा

2) स्वास्थ्य के लिए होती हैं खतरनाक।

जब गर्दन में ये चूड़ियाँ पहनाई जाती हैं तो इसके वजह से जबडे पर काफी जोर पड़ता है इसके अलावा कोई भी खाने के लिए मुंह चलाये जाने से बार बार जबड़ा उन चूड़ियों से टकराती हैं जिससे दांतो का विकास अच्छे से नहीं होता है। इसके साथ ही दाँत समय से पहले टूट जाते हैं।

50 साल पहुँचते पहुँचते इन औरतों को सांस लेने में काफी दिक्कते आने लगती है और साथ ही में दिल की बीमारियां भी होने लगती हैं। जिसके वजह से यहाँ की औरतें आम औरतों से कम जीती हैं।

3) क्या होता हैं ज़ब इन चूड़ियों को हटाया जाता है?

हम जानते हैं कि इन चूड़ियों को बचपन में ही गर्दन में लगा दिया जाता है। इसी वजह से उनके सर का वजन गर्दन पर नहीं बल्कि उन चूड़ियों और टिका होता है। और गर्दन समय के साथ लम्बा होने के के कारण काफी कमज़ोर हो जाता हैं।

ज़ब इन चूड़ियों को हटाया जाता हैं तो इन औरतों के सर का वजन उनका गर्दन सहन नहीं कर पाता हैं। जिसके वजह से ये औरतें ख़डी भी नहीं हो पाती हैं।

4) ये औरतें इस परम्परा (Wierd Tradition) को छोड़ती क्यों नहीं हैं?

शुरुआत में गर्दनों में चूड़ियाँ पहनना खूबसूरती के लिए था, लेकिन धीरे धीरे यह उस जनजाति की परम्परा बन गयी। अब सभी औरतों को गले में लोहे कि चूड़ियाँ पहनना ज़रूरी माना जाता है।
वहाँ कि सरकार ने कई बार इस परम्परा को खत्म करने के लिए ज़ोर भी दिया हैं लेकिन पाड़ोंग जनजाति के लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं।

नोट -ज़रूरी नहीं कि हमारे समाज या धर्म में जितनी भी परम्परायें हैं वो सब सही हैं। कुछ परम्परायें हमारे स्वास्थ्य और समाज के लिए खतरनाक भी होती हैं इसलिए आंख बंद कर के किसी भी Wierd Tradition को फॉलो ना करें।

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