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Bharat ki khoj kisne ki? भारत की खोज किसने की?

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Bharat ki khoj kisne ki?

हमारा प्यारा देश भारत जिसे आज किसी पहचान कि ज़रूरत नहीं है। लेकिन आज से 500 साल पहले इसे खोजा गया था। तो सवाल ये आता है कि क्या उससे पहले भारत का कोई अस्तित्व नहीं था?


भारत का अस्तित्व हमेशा से रहा है, और आपको ये बता दे कि भारत मे ही सबसे पहले शहरीकरण होना शुरू हुआ था इसका मतलब है कि दुनिया का सबसे पहला शहर भारत मे बना था जिसे हम हड़प्पा सभ्यता के नाम से जानते हैं। और उस ज़माने मे यूरोप के सभी देश अपने बुरे दौर से गुज़ार रहे थे। फिर वो भारत आने का रास्ता ढूंढ लिए जिसके बाद भारत खोजने का श्रेय यूरोप के नविकों को जाता है।

यूरोप के लोग भारत क्यों आना चाहते थे?

प्राचीन काल से ही भारत दुनिया का सबसे अमीर देश रहा है जिसके वजह से भारत को लूटने के कई प्रयास किये गए जिसमे बहुत से लोग सक्षम भी हुए।

भारत मे मिलने वाले कपडे बाहर के देशों मे सबसे महंगे दामों मे बिकते थे। इसके अलावा मसाले के कई प्रकार भारत मे पाए जाते थे और इन मसालो का इस्तेमाल यूरोप के लोग खाने को संरक्षित रखने मे इस्तेमाल करते थे।


उस ज़माने मे यूरोप के लोगों को अक्सर भूखे सोना पड़ता था क्यूंकि वहाँ बहुत ज़्यादा ग़रीबी थी। भोजन करने के लिए वो शिकार किया करते थे। और एक बार शिकार करने के बाद मांस पर मसाले का लेप लगा कर रखने से मांस जल्दी खराब नहीं होता था।

ये वो दौर था जब भारत से व्यापार सिर्फ अरब के व्यापारी ही करते थे। ये लोग भारत से कपड़े, मसाले व अन्य चीज़ों को भारतीय बाजार से खरीद कर यूरोप के देशों मे काफी महंगे दामों पर बेचते थे जिससे अरब के व्यापारियों को काफी ज़्यादा फायदा होता था।

लेकिन साल 1453 मे तुर्की के ओटोमैन सम्राज्य ने इस्तांबुल जो कि यूरोप का एक छोटा सा हिस्सा अरब देश से आने जाने का रास्ता था उस पर कब्ज़ा कर लिया। और यूरोप के लोगों पर अरब के व्यापारियों से व्यापार करने के लिए भारी टैक्स लगा दिए।

जिसके बाद यूरोप के लोगों को बहुत ज़्यादा परेशानी होने लगी और पहली बार यूरोप के लोगों ने भारत को ढूंढ़ने कि योजना बनाई।

भारत कि खोज किसने की थी? Bharat ki khoj kisne ki?

Bharat ki khoj kisne ki

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भारत को खोजने के लिए पुर्तगाल (Portugal) के राजा निकोलस ने साल 1454 मे बार्थेलोमेव डिअस (Bartholew Dias) जो एक मशहूर नाविक था, उसे भेजा लेकिन वो भारत नहीं पहुँच पाया और वह दक्षिण अफ्रीका से ही वापस लौट गया।

जिसके बाद राजा ने भारत को खोजने की ज़िम्मेदारी दुसरे मशहूर नाविक वास्को दा गामा (Vasco Da gama) को दी। वास्को दा गामा भी दक्षिण अफ्रीका पहुँच गया, लेकिन वहाँ से भारत आने का रास्ता उसे मालूम नहीं था।
वो भी वहाँ से घर लौटने ही वाला था कि उसकी मुलाक़ात भारत के एक व्यापारी अब्दुल मजीद से हो गयी और वो अपने साथ वास्को दा गामा को भारत लेकर आया।

इस तरह यूरोप के लोगों ने पहली बार भारत को खोज लिया था।
कहा जाता है कि ज़ब वास्को दा गामा भारत से सामान खरीद कर यूरोप मे पहली बार बेचा तो उसे 11 गुना फायदा हुआ था जिसके बाद वास्को दा गामा अपने साथ बहुत से व्यापारियों को लेकर भारत आया। और धीरे धीरे यूरोप के हर देश से व्यापारी भारत आने लगे।

Bharat ki khoj kisne ki

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लेकिन बाद मे यही यूरोप के व्यापारी हम भारतीयों को ग़ुलाम बना लिया और लगभग 250 सालो तक भारत पर राज किया और भारत का खजाना पूरी तरह से लूट लिया जिसके वजह से भारत एक गरीब देश बना गया। साल 1947 मे भारत इन यूरोप के लोगों से आज़ाद हुआ लेकिन आज तक भारत कि ग़रीबी आजादी के इतने साल बाद तक खत्म नहीं हुई है।

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